65خالِدينَ فيها أَبَدًا ۖ لا يَجِدونَ وَلِيًّا وَلا نَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिसमें वे सदैव रहेंगे। न वे कोई निकटवर्ती समर्थक पाएँगे और न (दूर का) सहायक