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Sura 34
Aya 19
19
فَقالوا رَبَّنا باعِد بَينَ أَسفارِنا وَظَلَموا أَنفُسَهُم فَجَعَلناهُم أَحاديثَ وَمَزَّقناهُم كُلَّ مُمَزَّقٍ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِكُلِّ صَبّارٍ شَكورٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

किन्तु उन्होंने कहा, "ऐ हमारे रब! हमारी यात्राओं में दूरी कर दे।" उन्होंने स्वयं अपने ही ऊपर ज़ुल्म किया। अन्ततः हम उन्हें (अतीत की) कहानियाँ बनाकर रहे, औऱ उन्हें बिल्कुल छिन्न-भिन्न कर डाला। निश्चय ही इसमें निशानियाँ है प्रत्येक बड़े धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए