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Sura 34
Aya 19
19
فَقالوا رَبَّنا باعِد بَينَ أَسفارِنا وَظَلَموا أَنفُسَهُم فَجَعَلناهُم أَحاديثَ وَمَزَّقناهُم كُلَّ مُمَزَّقٍ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِكُلِّ صَبّارٍ شَكورٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो वह लोग ख़ुद कहने लगे परवरदिगार (क़रीब के सफर में लुत्फ नहीं) तो हमारे सफ़रों में दूरी पैदा कर दे और उन लोगों ने खुद अपने ऊपर ज़ुल्म किया तो हमने भी उनको (तबाह करके उनके) अफसाने बना दिए - और उनकी धज्जियाँ उड़ा के उनको तितिर बितिर कर दिया बेशक उनमें हर सब्र व शुक्र करने वालोंके वास्ते बड़ी इबरते हैं