41قالوا سُبحانَكَ أَنتَ وَلِيُّنا مِن دونِهِم ۖ بَل كانوا يَعبُدونَ الجِنَّ ۖ أَكثَرُهُم بِهِم مُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतू ही हमारा मालिक है न ये लोग (ये लोग हमारी नहीं) बल्कि जिन्नात (खबाएस भूत-परेत) की परसतिश करते थे कि उनमें के अक्सर लोग उन्हीं पर ईमान रखते थे