47قُل ما سَأَلتُكُم مِن أَجرٍ فَهُوَ لَكُم ۖ إِن أَجرِيَ إِلّا عَلَى اللَّهِ ۖ وَهُوَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ شَهيدٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम (ये भी) कह दो कि (तबलीख़े रिसालत की) मैंने तुमसे कुछ उजरत माँगी हो तो वह तुम्हीं को (मुबारक) हो मेरी उजरत तो बस खुदा पर है और वही (तुम्हारे आमाल अफआल) हर चीज़ से खूब वाक़िफ है