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Sura 6
Aya 34
34
وَلَقَد كُذِّبَت رُسُلٌ مِن قَبلِكَ فَصَبَروا عَلىٰ ما كُذِّبوا وَأوذوا حَتّىٰ أَتاهُم نَصرُنا ۚ وَلا مُبَدِّلَ لِكَلِماتِ اللَّهِ ۚ وَلَقَد جاءَكَ مِن نَبَإِ المُرسَلينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (कुछ तुम ही पर नहीं) तुमसे पहले भी बहुतेरे रसूल झुठलाए जा चुके हैं तो उन्होनें अपने झुठलाए जाने और अज़ीयत (व तकलीफ) पर सब्र किया यहाँ तक कि हमारी मदद उनके पास आयी और (क्यों न आती) ख़ुदा की बातों का कोई बदलने वाला नहीं है और पैग़म्बर के हालात तो तुम्हारे पास पहुँच ही चुके हैं