21۞ وَقالَ الَّذينَ لا يَرجونَ لِقاءَنا لَولا أُنزِلَ عَلَينَا المَلائِكَةُ أَو نَرىٰ رَبَّنا ۗ لَقَدِ استَكبَروا في أَنفُسِهِم وَعَتَوا عُتُوًّا كَبيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन्हें हमसे मिलने की आशंका नहीं, वे कहते है, "क्यों न फ़रिश्ते हमपर उतरे या फिर हम अपने रब को देखते?" उन्होंने अपने जी में बड़ा घमंज किया और बड़ी सरकशी पर उतर आए