You are here: Home » Chapter 28 » Verse 54 » Translation
Sura 28
Aya 54
54
أُولٰئِكَ يُؤتَونَ أَجرَهُم مَرَّتَينِ بِما صَبَروا وَيَدرَءونَ بِالحَسَنَةِ السَّيِّئَةَ وَمِمّا رَزَقناهُم يُنفِقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

यही वह लोग हैं जिन्हें (इनके आमाले ख़ैर की) दोहरी जज़ा दी जाएगी-चूँकि उन लोगों ने सब्र किया और बदी को नेकी से दफ़ा करते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से (हमारी राह में) ख़र्च करते हैं