34إِنّا مُنزِلونَ عَلىٰ أَهلِ هٰذِهِ القَريَةِ رِجزًا مِنَ السَّماءِ بِما كانوا يَفسُقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहम यक़ीनन इसी बस्ती के रहने वालों पर चूँकि ये लोग बदकारियाँ करते रहे एक आसमानी अज़ाब नाज़िल करने वाले हैं