35وَلَقَد تَرَكنا مِنها آيَةً بَيِّنَةً لِقَومٍ يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने यक़ीनी उस (उलटी हुई बस्ती) में से समझदार लोगों के वास्ते (इबरत की) एक वाज़ेए व रौशन निशानी बाक़ी रखी है