51أَوَلَم يَكفِهِم أَنّا أَنزَلنا عَلَيكَ الكِتابَ يُتلىٰ عَلَيهِم ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَرَحمَةً وَذِكرىٰ لِقَومٍ يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या उनके लिए यह पर्याप्त नहीं कि हमने तुमपर किताब अवतरित की, जो उन्हें पढ़कर सुनाई जाती है? निस्संदेह उसमें उन लोगों के लिए दयालुता है और अनुस्मृति है जो ईमान लाएँ