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Sura 29
Aya 52
52
قُل كَفىٰ بِاللَّهِ بَيني وَبَينَكُم شَهيدًا ۖ يَعلَمُ ما فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ ۗ وَالَّذينَ آمَنوا بِالباطِلِ وَكَفَروا بِاللَّهِ أُولٰئِكَ هُمُ الخاسِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह गवाह के रूप में काफ़ी है।" वह जानता है जो कुछ आकाशों और धरती में है। जो लोग असत्य पर ईमान लाए और अल्लाह का इनकार किया वही है जो घाटे में है