51أَوَلَم يَكفِهِم أَنّا أَنزَلنا عَلَيكَ الكِتابَ يُتلىٰ عَلَيهِم ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَرَحمَةً وَذِكرىٰ لِقَومٍ يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या उनके लिए ये काफी नहीं कि हमने तुम पर क़ुरान नाज़िल किया जो उनके सामने पढ़ा जाता है इसमें शक नहीं कि ईमानदार लोगों के लिए इसमें (ख़ुदा की बड़ी) मेहरबानी और (अच्छी ख़ासी) नसीहत है