55يَومَ يَغشاهُمُ العَذابُ مِن فَوقِهِم وَمِن تَحتِ أَرجُلِهِم وَيَقولُ ذوقوا ما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन यातना उन्हें उनके ऊपर से ढाँक लेगी और उनके पाँव के नीचे से भी, और वह कहेगा, "चखो उसका मज़ा जो कुछ तुम करते रहे हो!"