56يا عِبادِيَ الَّذينَ آمَنوا إِنَّ أَرضي واسِعَةٌ فَإِيّايَ فَاعبُدونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ मेरे बन्दों, जो ईमान लाए हो! निस्संदेह मेरी धरती विशाल है। अतः तुम मेरी ही बन्दगी करो