57كُلُّ نَفسٍ ذائِقَةُ المَوتِ ۖ ثُمَّ إِلَينا تُرجَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदप्रत्येक जीव को मृत्यु का स्वाद चखना है। फिर तुम हमारी ओर वापस लौटोगे