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Sura 29
Aya 66
66
لِيَكفُروا بِما آتَيناهُم وَلِيَتَمَتَّعوا ۖ فَسَوفَ يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ताकि जो (नेअमतें) हमने उन्हें अता की हैं उनका इन्कार कर बैठें और ताकि (दुनिया में) ख़ूब चैन कर लें तो अनक़रीब ही (इसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा