67أَوَلَم يَرَوا أَنّا جَعَلنا حَرَمًا آمِنًا وَيُتَخَطَّفُ النّاسُ مِن حَولِهِم ۚ أَفَبِالباطِلِ يُؤمِنونَ وَبِنِعمَةِ اللَّهِ يَكفُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या उन लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि हमने हरम (मक्का) को अमन व इत्मेनान की जगह बनाया हालॉकि उनके गिर्द व नवाह से लोग उचक ले जाते हैं तो क्या ये लोग झूठे माबूदों पर ईमान लाते हैं और ख़ुदा की नेअमत की नाशुक्री करते हैं