53وَما أَنتَ بِهادِ العُميِ عَن ضَلالَتِهِم ۖ إِن تُسمِعُ إِلّا مَن يُؤمِنُ بِآياتِنا فَهُم مُسلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर न तुम अंधों को उनकी गुमराही से फेरकर मार्ग पर ला सकते हो। तुम तो केवल उन्हीं को सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर ईमान लाएँ। तो वही आज्ञाकारी हैं