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Sura 30
Aya 54
54
۞ اللَّهُ الَّذي خَلَقَكُم مِن ضَعفٍ ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعدِ ضَعفٍ قُوَّةً ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعدِ قُوَّةٍ ضَعفًا وَشَيبَةً ۚ يَخلُقُ ما يَشاءُ ۖ وَهُوَ العَليمُ القَديرُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अल्लाह ही है जिसनें तुम्हें निर्बल पैदा किया, फिर निर्बलता के पश्चात शक्ति प्रदान की; फिर शक्ति के पश्चात निर्बलता औऱ बुढापा दिया। वह जो कुछ चाहता है पैदा करता है। वह जाननेवाला, सामर्थ्यवान है