53وَما أَنتَ بِهادِ العُميِ عَن ضَلالَتِهِم ۖ إِن تُسمِعُ إِلّا مَن يُؤمِنُ بِآياتِنا فَهُم مُسلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर न तुम अंधों को उनकी गुमराही से (फेरकर) राह पर ला सकते हो तो तुम तो बस उन्हीं लोगों को सुना (समझा) सकते हो जो हमारी आयतों को दिल से मानें फिर यही लोग इस्लाम लाने वाले हैं