You are here: Home » Chapter 33 » Verse 20 » Translation
Sura 33
Aya 20
20
يَحسَبونَ الأَحزابَ لَم يَذهَبوا ۖ وَإِن يَأتِ الأَحزابُ يَوَدّوا لَو أَنَّهُم بادونَ فِي الأَعرابِ يَسأَلونَ عَن أَنبائِكُم ۖ وَلَو كانوا فيكُم ما قاتَلوا إِلّا قَليلًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(मदीने का मुहासेरा करने वाले चल भी दिए मगर) ये लोग अभी यही समझ रहे हैं कि (काफ़िरों के) लश्कर अभी नहीं गए और अगर कहीं (कुफ्फार का) लश्कर फिर आ पहुँचे तो ये लोग चाहेंगे कि काश वह जंगलों में गँवारों में जा बसते और (वहीं से बैठे बैठे) तुम्हारे हालात दरयाफ्त करते रहते और अगर उनको तुम लोगों में रहना पड़ता तो फ़क़त (पीछा छुड़ाने को) ज़रा ज़हूर (कहीं) लड़ते