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Sura 33
Aya 33
33
وَقَرنَ في بُيوتِكُنَّ وَلا تَبَرَّجنَ تَبَرُّجَ الجاهِلِيَّةِ الأولىٰ ۖ وَأَقِمنَ الصَّلاةَ وَآتينَ الزَّكاةَ وَأَطِعنَ اللَّهَ وَرَسولَهُ ۚ إِنَّما يُريدُ اللَّهُ لِيُذهِبَ عَنكُمُ الرِّجسَ أَهلَ البَيتِ وَيُطَهِّرَكُم تَطهيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (साफ-साफ) उनवाने शाइस्ता से बात किया करो और अपने घरों में निचली बैठी रहो और अगले ज़माने जाहिलियत की तरह अपना बनाव सिंगार न दिखाती फिरो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ा करो और (बराबर) ज़कात दिया करो और खुदा और उसके रसूल की इताअत करो ऐ (पैग़म्बर के) अहले बैत खुदा तो बस ये चाहता है कि तुमको (हर तरह की) बुराई से दूर रखे और जो पाक व पाकीज़ा दिखने का हक़ है वैसा पाक व पाकीज़ा रखे